वेब ब्राउज़र क्या है? | What Is Web Browser In Hindi

वेब ब्राउज़र क्या है? What Is Web Browser In Hindi

दोस्तों, आपने वेब ब्राउज़र का नाम तो जरूर सुना होगा। इसे इंटरनेट ब्राउज़र या सिर्फ ब्राउज़र के नाम से भी जाना जाता है। आज हम इस लेख में जानेंगे कि वेब ब्राउज़र क्या है (What Is Web Browser In Hindi), वेब ब्राउज़र किसे कहते हैं, और वेब ब्राउज़र का हमारे दैनिक जीवन में क्या उपयोगिता है।

वेब ब्राउज़र क्या है? | What Is Web Browser In Hindi
वेब ब्राउज़र क्या है? | What Is Web Browser In Hindi

वेब ब्राउज़र की परिभाषा

वेब ब्राउज़र दो शब्दों वेब और ब्राउज़र से मिलकर बना है। 'वेब' का अर्थ होता है इंटरनेट और 'ब्राउज़र' का अर्थ होता है ढूंढना या खोजना (Search)। अर्थात, इंटरनेट से किसी जानकारी को खोजने का कार्य वेब ब्राउज़र द्वारा किया जाता है।

आज के समय में इंटरनेट पर बेहद महत्वपूर्ण जानकारियाँ उपलब्ध हैं। हमें जब भी इंटरनेट से कोई जानकारी प्राप्त करनी होती है, तो हम उसे अपने मोबाइल या कंप्यूटर में उपलब्ध वेब ब्राउज़र के माध्यम से ही प्राप्त करते हैं।

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वेब ब्राउज़र का महत्व

वेब ब्राउज़र इंटरनेट तक पहुंचने का एक माध्यम है। इस बात को और अच्छे से समझने के लिए हम आपको एक उदाहरण दे रहे हैं। जैसे आप अभी इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं जो इंटरनेट पर ही उपलब्ध है, तो आप ने इंटरनेट से इस पोस्ट को खोजने (Search) या प्राप्त करने के लिए अपने मोबाइल या कंप्यूटर में किसी वेब ब्राउज़र का ही उपयोग किया है।

Web Browser क्या है? 

वेब ब्राउज़र एक एप्लिकेशन या सॉफ्टवेयर है जो कि यूजर के स्मार्टफोन या कंप्यूटर में इंस्टाल होता है, और यूजर द्वारा मांगी गई जानकारी को इंटरनेट से खोज कर यूजर को दिखाता है। यूजर जिस भी सूचना या जानकारी को ब्राउज़र के माध्यम से खोजता है, वो इंटरनेट पर फोटो, वीडियो, एनीमेशन और टेक्स्ट के रूप में हो सकती है।

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वेब ब्राउज़र का कार्य

इंटरनेट पर सभी सूचनाएं (Information) वेबसाइट पर रखी होती हैं, जिन्हें सिर्फ ब्राउज़र के माध्यम से ही आसानी से पढ़ा जा सकता है। ब्राउज़र इन्हीं वेबसाइटों से हमारी आवश्यकता के अनुरूप हमारी सूचनाएं प्रदर्शित करता है, जिसे हम ब्राउज़र की मदद से ही डाउनलोड भी कर सकते हैं और अपने डिवाइस में सेव कर सकते हैं।

वेब ब्राउज़र कैसे काम करता है?

वेब ब्राउज़र कैसे काम करता है यह एक तकनीकी विषय है। लेकिन इसे समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है। इंटरनेट को WWW (वर्ल्ड वाइड वेब) के नाम से भी जाना जाता है। इसे दो मॉडल के रूप में उपयोग किया जाता है, जिसे क्लाइंट मॉडल और सर्वर मॉडल कहते हैं। जो भी सूचनाएं यूजर को इंटरनेट से प्राप्त होती हैं, वे सभी सूचनाएं सर्वर मॉडल से प्राप्त होती हैं और यूजर जिस मोबाइल या कंप्यूटर के ब्राउज़र से इन सूचनाओं को सर्च करता है, उसे क्लाइंट मॉडल कहते हैं।

जब यूजर अपने मोबाइल/कंप्यूटर में ब्राउज़र के सर्च बॉक्स में किसी जानकारी को प्राप्त करने के लिए कुछ भी लिखता है, तो उस समय उसका ब्राउज़र क्लाइंट मॉडल के रूप में काम करता है और सर्च बॉक्स में लिखी हुई सूचना को सर्च रिक्वेस्ट (Search Request) के रूप में सर्वर को भेजता है। इस दौरान क्लाइंट ब्राउज़र और सर्वर के बीच एक संपर्क (Connection) स्थापित हो जाता है।

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जब क्लाइंट ब्राउज़र सर्वर से कनेक्ट हो जाता है, उस समय सर्वर यूजर के ब्राउज़र पर उसके सर्च के अनुसार रिजल्ट भेज देता है। सर्वर जिस रिजल्ट को क्लाइंट ब्राउज़र के पास भेजता है, वह सर्वर पर HTML (Hyper Text Markup Language) पेज के रूप में होती है, जिसे क्लाइंट मॉडल अर्थात हमारा ब्राउज़र हमारे पढ़ने योग्य सूचना के रूप में बदल देता है। जिसके परिणामस्वरूप हमें ब्राउज़र पर वीडियो, ऑडियो, एनीमेशन और टेक्स्ट के रूप में रिजल्ट दिखाई देते हैं।

वेब ब्राउज़र का इतिहास

दुनिया का पहला वेब ब्राउज़र सन 1990 में ब्रिटिश कंप्यूटर वैज्ञानिक सर टिम बर्नर्स ली (Tim Berners-Lee) ने बनाया था, जिसका नाम उन्होंने वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web) रखा, जिसे संक्षिप्त रूप में WWW भी कहा जाता है।

सर टिम बर्नर्स ली उस समय World Wide Web Consortium (W3C) के डायरेक्टर भी थे, जो सूचना को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में साझा (Share) करने की तकनीक पर काम कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने HTML Language का उपयोग किया, जिसे कुछ स्पेशल कमांड्स की मदद से लिखा जाता था, जिसे HTML Tags कहते थे।

HTML Tags की मदद से लिखी गई सूचनाओं को सामान्य व्यक्ति द्वारा समझ पाना बेहद मुश्किल था। इसी समस्या को दूर करने के लिए टिम बर्नर्स ली ने वेब ब्राउज़र का निर्माण किया, जो HTML Tags को पढ़कर यूजर के सामने सिर्फ सूचनाओं को ही प्रदर्शित करता था।

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प्रमुख वेब ब्राउज़र

Google Chrome: 

गूगल क्रोम आज के समय में दुनिया का सर्वाधिक उपयोग किया जाने वाला वेब ब्राउज़र है, जिसे गूगल (Google) कंपनी द्वारा 2008 में बनाया गया था। गूगल क्रोम बहुत सी सुविधाएँ (features) को Inbuilt Extension के रूप में देता है, जिसे अलग से Add करने की आवश्यकता नहीं होती है। गूगल क्रोम लगभग सभी ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) जैसे - Android, iOS, Windows और Linux को सपोर्ट करता है|

Mozilla Firefox: 

मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स आज के समय में गूगल क्रोम के बाद दूसरा सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला ब्राउज़र है, जिसे मोजिला कॉर्पोरेशन (Mozilla Corporation) द्वारा 2002 में बनाया गया था। मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स एक ओपन सोर्स (Open Source) प्लेटफॉर्म है। गूगल क्रोम की तरह ही मोज़िला भी लगभग सभी ऑपरेटिंग सिस्टम को सपोर्ट करता है।

Internet Explorer: 

इंटरनेट एक्सप्लोरर (IE) को माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) कंपनी द्वारा 1995 में बनाया गया था, जो विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में पहले से ही इंस्टाल होकर यूजर को मिलता है। हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा इंटरनेट एक्सप्लोरर का एक एडवांस वर्जन माइक्रोसॉफ्ट एज (Microsoft Edge) भी लॉन्च किया गया है।

Safari Browser: 

सफारी ब्राउज़र को iPhone, iOS और Mac OS बनाने वाली कंपनी एप्पल (Apple Inc.) द्वारा 2003 में बनाया गया था, जो उस समय सिर्फ एप्पल कंपनी के ऑपरेटिंग सिस्टम MacOS पर काम करता था। यह अब MacOS के साथ ही Windows OS के लिए भी उपलब्ध है और MacOS यूजर के लिए काफी लोकप्रिय ब्राउज़र है।

Opera Mini: 

ओपेरा मिनी ब्राउज़र अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस के लिए प्रसिद्ध एक पुराना ब्राउज़र है, जिसे ओपेरा सॉफ्टवेयर (Opera Software) द्वारा 1995 में बनाया गया था। आज के समय में भी यह विंडोज, एंड्रॉयड और लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए उपलब्ध है, जिसका कुछ लोग उपयोग भी करते हैं।

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भारतीय वेब ब्राउज़र

दोस्तों, क्या आपको पता है कि भारत के वेब ब्राउज़र कौन-कौन से हैं और प्रथम भारतीय वेब ब्राउज़र कौन सा है? शायद आपको ना पता हो। इसका कारण पहले से उपयोग किये जा रहे ब्राउज़र, जिनकी भीड़ में हमारे अपने स्वदेशी ब्राउज़र पर हम ध्यान नहीं दे पाते हैं। चलिए आज हम आपको कुछ भारतीय वेब ब्राउज़र के विषय में बताते हैं।

Epic (एपिक): 

एपिक भारत में बना प्रथम स्वदेशी वेब ब्राउज़र है जिसे Hidden Reflex द्वारा 2013 में बनाया गया था। यह ब्राउज़र प्राइवेसी और सुरक्षा पर खास ध्यान देता है।

वेब ब्राउज़र के उपयोग

वेब ब्राउज़र का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। यह न केवल इंटरनेट ब्राउज़िंग के लिए उपयोग होता है, बल्कि अन्य कई महत्वपूर्ण कार्यों में भी सहायक होता है।

इंटरनेट ब्राउज़िंग: सबसे प्रमुख उपयोग तो इंटरनेट ब्राउज़िंग ही है। इससे हम वेबसाइट्स विजिट कर सकते हैं, ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं, सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते हैं आदि।

जानकारी प्राप्त करना: इंटरनेट पर मौजूद किसी भी प्रकार की जानकारी को खोजने और प्राप्त करने के लिए वेब ब्राउज़र का उपयोग होता है। यह जानकारी टेक्स्ट, इमेज, वीडियो आदि के रूप में हो सकती है।

ऑनलाइन फॉर्म भरना: किसी भी प्रकार का ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए भी वेब ब्राउज़र का ही उपयोग होता है। चाहे वह एडमिशन फॉर्म हो, जॉब एप्लिकेशन हो या फिर कोई अन्य फॉर्म।

ईमेल चेक करना: अपने ईमेल अकाउंट को चेक करने और ईमेल भेजने के लिए भी हम वेब ब्राउज़र का उपयोग करते हैं।

ऑनलाइन बैंकिंग: बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करने के लिए भी वेब ब्राउज़र आवश्यक है। इससे हम अपने बैंक अकाउंट को मैनेज कर सकते हैं, ट्रांजैक्शन कर सकते हैं आदि।

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वेब ब्राउज़र के फायदे

वेब ब्राउज़र के कई फायदे हैं जो इसे हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाते हैं।

आसान उपयोग: वेब ब्राउज़र का उपयोग बहुत ही आसान है। कोई भी व्यक्ति इसे बिना किसी तकनीकी ज्ञान के आसानी से उपयोग कर सकता है।

स्पीड: आधुनिक वेब ब्राउज़र बहुत ही तेज होते हैं और कुछ ही सेकंड में हमें हमारी आवश्यकता की जानकारी उपलब्ध कराते हैं।

सुरक्षा: आधुनिक वेब ब्राउज़र सुरक्षा के मामले में बहुत आगे हैं। यह हमें सुरक्षित ब्राउज़िंग का अनुभव देते हैं।

कस्टमाइजेशन: वेब ब्राउज़र को हम अपने अनुसार कस्टमाइज कर सकते हैं। इसमें हम विभिन्न एक्सटेंशन और प्लगइन्स जोड़ सकते हैं।

क्रॉस प्लेटफॉर्म सपोर्ट: अधिकांश वेब ब्राउज़र सभी प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम पर उपलब्ध होते हैं। चाहे वह विंडोज हो, मैक हो, एंड्रॉयड हो या आईओएस।

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वेब ब्राउज़र के नुकसान

जहां वेब ब्राउज़र के फायदे हैं, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं।

सुरक्षा जोखिम: हालांकि आधुनिक वेब ब्राउज़र सुरक्षा प्रदान करते हैं, लेकिन फिर भी यह पूरी तरह सुरक्षित नहीं होते। हैकर्स और मैलवेयर से हमेशा खतरा बना रहता है।

डेटा प्राइवेसी: कुछ वेब ब्राउज़र हमारे डेटा को ट्रैक करते हैं और उसे विज्ञापनदाताओं के साथ साझा करते हैं। इससे हमारी प्राइवेसी पर असर पड़ता है।

स्पीड इश्यू: अगर इंटरनेट कनेक्शन धीमा हो तो वेब ब्राउज़र का उपयोग करना मुश्किल हो जाता है।

निष्कर्ष

वेब ब्राउज़र हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। इसके बिना इंटरनेट का उपयोग करना लगभग असंभव है। हमने इस लेख में जाना कि वेब ब्राउज़र क्या है (What Is Web Browser In Hindi), इसका इतिहास, इसके प्रमुख प्रकार, और इसके फायदे और नुकसान। उम्मीद है कि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी।

ध्यान देने योग्य बातें

हमेशा अपने वेब ब्राउज़र को अपडेट रखें।
अनजान वेबसाइट्स पर अपने व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
ब्राउज़र एक्सटेंशन का उपयोग सोच-समझकर करें।

अतिरिक्त जानकारी

वेब ब्राउज़र के बारे में और जानने के लिए, आप निम्नलिखित विषयों पर भी अध्ययन कर सकते हैं:

  • वेब ब्राउज़र की कार्यप्रणाली
  • वेब ब्राउज़र का विकास
  • विभिन्न वेब ब्राउज़र के फीचर्स की तुलना
  • वेब ब्राउज़र और सर्च इंजन के बीच का अंतर

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अंतिम शब्द

वेब ब्राउज़र तकनीकी विकास की एक अद्भुत मिसाल है। इसके माध्यम से हम विश्व की तमाम जानकारी अपनी उंगलियों के एक क्लिक पर प्राप्त कर सकते हैं। चाहे आप विद्यार्थी हों, व्यवसायी हों, या एक सामान्य उपयोगकर्ता, वेब ब्राउज़र आपके लिए अनगिनत अवसरों का द्वार खोलता है। इसे सही तरीके से उपयोग कर हम अपने ज्ञान और समझ को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकते हैं।

वेब ब्राउज़र का सही और सुरक्षित उपयोग करें और इंटरनेट की दुनिया का बेहतरीन अनुभव प्राप्त करें।

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